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गुरुवार, 3 दिसंबर 2009

अपनी बात

प्रिये पाठको,
किताबघर को सफल बनने के लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद्। हम आपको बता देना जरूरी समझाते है कि पिछले कुछ दिनों में किताबघर की लोकप्रियता बहुत बढ़ी है। इसके पीछे आप ही लोगों का सहयोग है। उम्मीद है कि ये सहयोग आगे भी बना रहेगा।

हमें आपकी ढेरों ईमेल रोज मिल रही है जो आपकी फरमाइशों से भरी होती है। हमें बड़ा दुःख है कि ऐसी सभी emails का जवाब हम नहीं दे पाते। हालाँकि हम कोशिश करते है कि जितना भी हो सके, हर ईमेल का जवाब दिया जाए इसके अलावा हम हर फरमाइश पूरी करने की कोशिश करते है। यहाँ हम आपको बता दे कि सबसे ज्यादा फरमाइश चंद्रकांता संतति और भूतनाथ के लिए आती है। लेकिन अफ़सोस कि बात ये है कि इन दोनों किताबों के बहुत कम भाग उपलब्ध है। अगर आप कहेंगे तो हम जितने भी भाग उपलब्ध होंगे, हम उन्हें उपलब्ध करवा देंगे। कृपया हमें कमेंट्स के द्वारा अपने दिल की बात बताएं।

और हाँ, कुछ पाठकों की शिकायत है कि हम अपने ब्लॉग को बहुत देर से अपडेट करते है। यहाँ हम बता दें कि हमारी कोशिश यही रहती है कि ज्यादा से ज्यादा किताबें किताबघर में उपलब्ध करवाई जाएँ लेकिन अच्छी किताबों को ढूंढ़कर उन्हें उपलब्ध करवाने में समय लगता है इसलिए कृपया धैर्य बनाये रखें और हमें सहयोग दें।
वैसे हमारी कोशिश यही रहती कि हम आपको हफ्ते में कम से कम १-२ किताब जरूर उपलब्ध करवाएं।

वैसे अगर आप चाहें तो इस दौरान हमारी अन्य वेबसाइट हिन्दी की बिंदी और ज्योतिष- वास्तु रहस्य पर जाकर अपना वक्त गुज़ार कर सकते है।


जल्द ही एक नई किताब के साथ आपसे फिर मुलाकात होगी।

धन्यवाद्,

प्रबंधक।

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