टोपी शुक्ला - उपन्यास(राही मासूम रज़ा ) Topi Shukla - A Novel by Rahi Masoom Raza
"यह कहानी समय की है. इस कहानी का हीरो भी समय है। समय के सिवा कोई इस लायक नही होता कि उसे किसी कहानी का हीरो बनाया जायें।
इस उपन्यास में एक भी गाली नही है। परन्तु शायद यह पूरा उपन्यास एक गाली है। और मैं यह गाली डंके की चोट बक रहा हूँ। यह उपन्यास अश्लील है - जीवन की तरह। "
- राही मासूम रज़ा
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शुक्रवार, 26 जून 2009
टोपी शुक्ला - उपन्यास (राही मासूम रज़ा )
Author: Administrator
| Posted at: 12:28 am |
Filed Under:
उपन्यास,
राही मासूम रजा
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